Income Tax Stocks: अगर आप स्टॉक मार्केट से पैसा कमा रहे हैं, तो आपको इनकम टैक्स के कुछ जरूरी नियमों के बारे में पता होना चाहिए। कई लोग स्टॉक मार्केट में निवेश करते हैं, लेकिन टैक्स से जुड़े नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसकी वजह से बाद में उन्हें परेशानी का सामना करना पड़ता है। इस आर्टिकल में, हम आपको स्टॉक मार्केट से होने वाली आमदनी पर लगने वाले टैक्स से जुड़े 5 अहम नियमों के बारे में बताएंगे। अगर आप इन नियमों को समझ लेते हैं, तो टैक्स भरते समय किसी भी गलती से बच सकते हैं और अपनी बचत को बढ़ा सकते हैं।
इस आर्टिकल को पूरा पढ़ने के बाद, आपको स्टॉक मार्केट से जुड़े टैक्स नियमों की पूरी जानकारी मिल जाएगी। हमने इसे सरल भाषा में समझाया है ताकि हर कोई आसानी से समझ सके। इसलिए, इसे अंत तक जरूर पढ़ें और अपने टैक्स प्लानिंग को स्मार्ट तरीके से करें।
स्टॉक मार्केट से कमाई पर इनकम टैक्स के 5 जरूरी नियम
1. शॉर्ट-टर्म और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन का फर्क समझें
स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई को दो हिस्सों में बांटा जाता है: शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन (STCG) और लॉन्ग-टर्म कैपिटल गेन (LTCG)। अगर आप किसी शेयर को 1 साल से कम समय के लिए होल्ड करके बेचते हैं, तो उस पर STCG लगता है। वहीं, अगर आप शेयर को 1 साल से ज्यादा समय तक रखकर बेचते हैं, तो उस पर LTCG टैक्स लगेगा।
- STCG: यह आपकी सामान्य आमदनी में जुड़ जाता है और आपकी टैक्स स्लैब के हिसाब से टैक्स देना होता है।
- LTCG: 1 लाख रुपये तक की कमाई पर कोई टैक्स नहीं लगता, लेकिन इससे ज्यादा की कमाई पर 10% टैक्स देना होता है।
2. डिविडेंड इनकम पर भी टैक्स लगता है
कई लोग सोचते हैं कि डिविडेंड पर टैक्स नहीं लगता, लेकिन ऐसा नहीं है। अगर आपको किसी कंपनी से डिविडेंड मिलता है, तो उस पर टैक्स देना होता है। आपकी जानकारी के लिए बता दें कि डिविडेंड इनकम पर कंपनी की तरफ से TDS काटा जाता है, और आपको इसे अपनी टैक्स रिटर्न में दिखाना होता है।
3. टैक्स बचाने के लिए LTCG का फायदा उठाएं
अगर आप लॉन्ग-टर्म इन्वेस्टर हैं, तो LTCG के नियमों का फायदा उठा सकते हैं। 1 लाख रुपये तक की कमाई टैक्स-फ्री होती है, और इससे ज्यादा की कमाई पर सिर्फ 10% टैक्स लगता है। इसलिए, अगर आप शेयर्स को लंबे समय तक होल्ड करते हैं, तो आप अपने टैक्स को कम कर सकते हैं।
4. टैक्स रिटर्न में सही जानकारी भरें
स्टॉक मार्केट से होने वाली कमाई को टैक्स रिटर्न में सही तरीके से दिखाना जरूरी है। अगर आपने शेयर्स बेचे हैं, तो उनकी खरीद और बिक्री की तारीख, कीमत और कैपिटल गेन की जानकारी सही से भरें। गलत जानकारी देने पर आपको टैक्स डिपार्टमेंट की तरफ से नोटिस मिल सकता है।
5. टैक्स प्लानिंग के लिए एक्सपर्ट की मदद लें
अगर आपको स्टॉक मार्केट से जुड़े टैक्स नियम समझने में परेशानी हो रही है, तो किसी टैक्स एक्सपर्ट या चार्टर्ड अकाउंटेंट (CA) की मदद ले सकते हैं। वे आपको सही तरीके से टैक्स प्लानिंग करने में मदद करेंगे और आपकी बचत को बढ़ाने के लिए सही सलाह देंगे।
मीडिया रिपोर्ट्स के अनुसार, कई निवेशक टैक्स नियमों को नजरअंदाज कर देते हैं, जिसकी वजह से उन्हें बाद में परेशानी होती है। इसलिए, इन नियमों को समझकर अपने निवेश को सुरक्षित रखें और टैक्स के झंझट से बचें।